कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में मृतकों की संख्या और संक्रमण की दर खतरनाक रूप सेउच्च होनेके कारण देश के कई हि स्सों में तालेबंदी और अन्य प्रति बंध लगाए गए हैं। भले ही एक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा नहीं की गई है, फि र भी गैर-आवश्यक आर्थि क गति वि धि यों मेंऔर अधि क कटौती की माँग के साथ काम गंभीर रूप सेबाधि त हो गया है। परि णामी संकट का आघात एक बार फि र प्रति कूल रूप सेअनौपचारि क श्रमि कों पर पड़ा है, जि समेंप्रवासी श्रमि क और फुटपाथ वि क्रेता शामि ल हैं। पि छले साल की घटनाओं से सहमे हुए श्रमि कों नेअपनेमूल गृहनगरों और गांवों की सुरक्षा की तरफ वापसी शुरू कर दी है। घर वापसी का यह सफ़र घातक परि णामों के बि ना नहींहुआ है। पि छलेसाल की त्रासदि यों की एक गंभीर पुनरावृत्ति में, तीन प्रवासी श्रमि क मारे गए थे जब दि ल्ली से टीकमगढ़ जा रही एक अत्यंत भीड़भाड़ वाली बस पलट गई थी। तथापि , कई लोग कि सी भी सामाजि क सुरक्षा तंत्र तक कोई पहुँच न होने के कारण फंसे रहते हैं।